यूपी के बलरामपुर में 8 करोड़ की साइबर ठगी का खुलासा… Chinese Apps के जरिए लोन दिलाकर छोटे व्यापारियों और गरीबों को बनाते थे अपना निशाना. 5 गिरफ्तार
बलरामपुर – राहुल रतन, बलरामपुर
Balrampur : UP के बलरामपुर जिलें में एक बड़े साइबर ठगी रैकेट का पर्दाफाश हुआ है जिसके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन सामने आए हैं… इस घोटाले में चीनी ऐप्स का इस्तेमाल करके जरूरतमंद लोगों को लोन के जाल में फंसाया जाता था. ठग Google Play Store से फर्जी Loan Apps Download करवाते थे जिसमें लाइनिंग ऐप जैसे प्लेटफॉर्म शामिल थे. पीड़ितों से आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक अकाउंट नंबर और सेल्फी अपलोड करवाकर लोन दिया जाता था. इसके बाद रिकवरी एजेंट गाली-गलौज और अश्लील धमकियों का सहारा लेकर वसूली करते थे.
ठगी का तरीका
ये साइबर ठग 1200 रुपये का लोन देकर 2000 रुपये की वसूली करते थे जिसमें 10% कमीशन रिकवरी एजेंट अपने पास रखते थे. बाकी रकम को Crypto Currency और Money Laundering के जरिए विदेश भेज दी जाती थी. यह गिरोह खासकर गरीब और छोटे लोगों को अपना निशाना बनाता था जिन्हें अक्सर पैसों की ज़रूरत होती थी. ये ठग लोन के लिए प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड करवाते थे. मोटी बयाज दर पर लोन देते थे और फिर डरा धमका कर मोटे पैसे के साथ वसूली किया करते थे.
गिरोह का मास्टरमाइंड गिरफ्तार
Balrampur Police ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है… गैंग का मुख्य सरगना राजधानी दिल्ली से पकड़ा गया. पुलिस के अनुसार ये ऐसा शख्स है जिसने नाबालिग उम्र में ठगी का धंधा शुरू किया था और अब उसे 8 साल से ज्यादा का अनुभव है. इस मास्टरमाइंड को शेक्सपियर के नाम से जाना जाता है और यही पूरे रैकेट को संचालित करता था. अब तक इस गिरोह ने 8 करोड़ रुपये की ठगी की है…
अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन और मनी लॉन्ड्रिंग
पुलिस जांच में सामने आया है कि ठगी की रकम को Crypto Currency और अन्य माध्यमों से देश से बाहर भेजी जाती थी. Pakistan और China से जुड़े कनेक्शन की जांच की जा रही है. पुलिस को 100 से ज्यादा बैंक खातों का पता चला है, जिनमें 50 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ. विदेशी फंडिंग के सबूत भी मिले हैं जिसके आधार पर SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने चार आरोपियों को 19 जुलाई 2025 को जेल से रिहा होते ही दोबारा हिरासत में ले लिया.
जांच और कार्रवाई
ललिया थाना पुलिस और साइबर सेल इस मामले की गहनता से जांच कर रही है… थाना प्रभारी सतेंद्र वर्मा ने बताया कि नए सुरागों के आधार पर और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. Crime Branch को विदेशी फंडिंग और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. पुलिस ने आरोपियों से मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, फर्जी सिम और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए हैं.