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Monsoon Alert Uttar Pradesh: बरसात नहीं, कयामत आई है!
उत्तर प्रदेश में Monsoon Alert का जो ताजा अपडेट है, वो सिर्फ मौसम विभाग की चेतावनी नहीं, बल्कि जनजीवन के लिए जमीनी आफत बन चुका है। मौसम विभाग ने यूपी के 59 जिलों में शनिवार के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है। यानी आसमान से मेहरबानी नहीं, मार उतरने वाली है।
पूर्वांचल के 12 जिलों में “भारी से अति भारी” बारिश की चेतावनी दी गई है। लेकिन नेता अभी भी बोट लेकर वोट मांगने में व्यस्त हैं, और प्रशासन लिफाफों में नोट ढूंढ रहा है।
तेज आंधी, टूटी बिल्डिंगें और उजड़ा जनजीवन | UP Rainfall Update
शुक्रवार को Lucknow, Barabanki समेत 20 से अधिक जिलों में तेज आंधी और मूसलाधार बारिश ने ऐसा कहर बरपाया कि शाम के 4 बजे ही रात हो गई। लखनऊ में 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ऐसी हवा चली कि चाय की दुकानें नहीं, सरकारी दावे उड़ गए।
गोमती नगर में साइबर टावर का छज्जा नीचे आ गिरा और बाराबंकी के एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई। पेड़ ऐसे उखड़े जैसे नगर निगम की नीतियाँ—पहले दिखती हैं, फिर गायब हो जाती हैं।
अयोध्या में रामघाट बना रामसरोवर | Ayodhya Flood and Barabanki Rain

Monsoon Alert की सबसे डरावनी तस्वीर अयोध्या से आई, जहाँ रामघाट चौराहे पर तीन फीट पानी भर गया। जय श्रीराम का नारा लगाते हुए कांवड़िये अब गटर-गंगा में स्नान कर रहे हैं। यही नहीं, बाराबंकी में तेज आंधी से PWD का साइनबोर्ड स्कूटी पर गिरा और स्कूटी चकनाचूर हो गई — प्रशासन की तरह!
देवरिया, सिद्धार्थनगर, बहराइच में भी बारिश के बाद हालात ऐसे हुए कि आदमी सड़क पर नहीं, सड़क आदमी में समा गया। गड्ढों में गाड़ियाँ गुम, और पब्लिक को सिर्फ ईश्वर का सहारा।
बलिया से वाराणसी तक पानी ही पानी | Heavy Rain in UP
बलिया और वाराणसी में बादलों ने जो तांडव मचाया, उससे घरों की छतें टपकने लगीं और विपक्ष के आरोप भी। लगता है Monsoon Alert अब राजनीति में भी बहस का मुद्दा बन चुका है — कोई इसे प्रशासन की नाकामी बता रहा है, तो कोई भगवान का गुस्सा।
लेकिन सच्चाई ये है कि जनता फंसी है, सरकार हंसी है — और मौसम विभाग कह रहा है, “Alert जारी कर दिया था, अब क्या पॉलिथीन भी बांटें?”
बांध ओवरफ्लो, गेट खुले — जलजमाव का जलवा | Uttar Pradesh Flood News
ललितपुर में हालात और भी गंभीर हो गए हैं। यहां 4 बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं। माताटीला के 20 और गोविंद सागर के 8 गेट खोल दिए गए हैं। पानी ऐसे छोड़ा गया जैसे नेता चुनाव बाद वादे छोड़ते हैं।
राजघाट और शहजाद बांध के गेट भी खुले हैं — यानी अब जल ही जीवन नहीं, जल ही जान का खतरा बन गया है।
प्रशासन कह रहा है, “नदी में न जाएं”, और जनता पूछ रही है — “सड़क तो पहले ही नदी बन गई है, अब कहाँ जाएं?”
Monsoon Alert से Lessons नहीं, सिर्फ Panic | Weather Forecast UP
हर साल की तरह इस बार भी Monsoon Alert आया, लेकिन तैयारी वही रिमझिम वाली निकली। बारिश आई नहीं कि बिजली चली गई, ड्रेनेज चोक हो गया और नगर निगम अपनी चाय की छुट्टी पर चला गया।
अब पब्लिक को नहीं चाहिए ‘अलर्ट’, चाहिए ‘एक्शन’।
अलर्ट से जान नहीं बचती, नाव और नालियों की सफाई से बचती है।मानसून आया नहीं, चढ़ बैठा सीने पर | UP Monsoon Alert Today
Monsoon Alert Uttar Pradesh अब सिर्फ मौसम की बात नहीं, प्रशासन की परीक्षा है। आंधी-बारिश ने साफ दिखा दिया है कि हमारे सिस्टम में कितना पानी है — और वह भी सिर्फ आंखों में।
अब सवाल यही है—क्या प्रशासन चेतेगा? या फिर अगली बारिश में फिर किसी घर की छत गिरेगी, और नगर निगम WhatsApp पर condolences भेजेगा?
Written by khabarilal.digital Desk
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