 
                  Baghpat Leopard : जंगल के खूंखार ‘शिकारी’ की मौत 
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के खड़ाना गांव के घने जंगलों में उस खूंखार तेंदुए का शव मिला – जो पिछले कई दिनों से इलाके में दहशत का दूसरा नाम बना हुआ था। इस तेंदुए की खौफनाक मौजूदगी ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी थी। खेतों में काम करने वाले किसान या तो घरों में कैद हो गए थे या फिर झुंड बनाकर डरते-डरते खेतों की ओर रुख करते थे। लेकिन अब इस खूंखार शिकारी की मौत ने न सिर्फ राहत की सांस दी है – बल्कि एक नया रहस्य भी खड़ा कर दिया है।
Baghpat Leopard की लाश ने उलझाया रहस्य
आखिर इस तेंदुए की मौत कैसे हुई? क्या यह मौत प्राकृतिक थी या इसके पीछे कोई और साजिश है? 3 दिन पहले, जंगल में इस तेंदुए की एक झलक ने पूरे गांव में सनसनी मचा दी थी। ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को सूचित किया, लेकिन तब तक यह शिकारी जंगल की गहराइयों में गायब हो चुका था। तेंदुए की दहशत इतनी थी कि लोग दिन के उजाले में भी अकेले खेतों में जाने से कतराने लगे थे। बच्चे और महिलाएं तो घर से बाहर निकलने से भी डरने लगे थे। ग्रामीणों का कहना है कि यह तेंदुआ न केवल तेज और खतरनाक था – बल्कि इसके हमले इतने क्रूर थे कि इलाके में कई मवेशियों की जान जा चुकी थी। कुछ लोग तो यह भी दावा करते हैं कि इस तेंदुए ने इंसानों पर भी हमले की कोशिश की थी। 
Baghpat Leopard – राहत या नए खतरे का संकेत?
मंगलवार (22 जुलाई) की सुबह जब एक ग्रामीण जंगल के रास्ते से गुजर रहा था तो उसने तेंदुए का शव देखा। यह खबर जंगल की आग की तरह पूरे गांव में फैल गई। लोग राहत के साथ-साथ आश्चर्य में भी डूब गए। क्या यह वही खूंखार तेंदुआ था – जिसने पूरे गांव को अपने खौफ के साये में जकड़ रखा था? या फिर जंगल में कोई और खतरा अभी भी मंडरा रहा है?

Baghpat Leopard – पोस्टमार्टम खोलेगा मौत का राज!
वन विभाग के अधिकारियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर तेंदुए के शव को अपने कब्जे में लिया। अधिकारियों का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है – जिससे मौत का कारण स्पष्ट हो सके। क्या तेंदुआ किसी बीमारी का शिकार हुआ? क्या इसे किसी ने जहर देकर मारा? या फिर यह किसी अन्य जंगली जानवर का शिकार बन गया? ये सवाल पूरे इलाके में गूंज रहे हैं। वन विभाग ने यह भी बताया कि जब तीन दिन पहले तेंदुए के दिखने की सूचना मिली थी तब जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था, लेकिन तेंदुए के पंजों के निशान नहीं मिले थे। अब इस घटना के बाद विभाग ने फिर से खेतों और जंगल के आसपास सघन तलाशी अभियान शुरू करने का फैसला किया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तेंदुए के अलावा जंगल में अन्य तेंदुओं की मौजूदगी की भी आशंका है – जिसने उनकी चिंता को और बढ़ा दिया है।
वन विभाग के अधिकारियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर तेंदुए के शव को अपने कब्जे में लिया। अधिकारियों का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है – जिससे मौत का कारण स्पष्ट हो सके। क्या तेंदुआ किसी बीमारी का शिकार हुआ? क्या इसे किसी ने जहर देकर मारा? या फिर यह किसी अन्य जंगली जानवर का शिकार बन गया? ये सवाल पूरे इलाके में गूंज रहे हैं। वन विभाग ने यह भी बताया कि जब तीन दिन पहले तेंदुए के दिखने की सूचना मिली थी तब जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था, लेकिन तेंदुए के पंजों के निशान नहीं मिले थे। अब इस घटना के बाद विभाग ने फिर से खेतों और जंगल के आसपास सघन तलाशी अभियान शुरू करने का फैसला किया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तेंदुए के अलावा जंगल में अन्य तेंदुओं की मौजूदगी की भी आशंका है – जिसने उनकी चिंता को और बढ़ा दिया है।
Baghpat Leopard – इलाके में कितने आदमखोर?
तेंदुए की मौत ने भले ही ग्रामीणों को थोड़ी राहत दी हो, लेकिन जंगल में अन्य तेंदुओं की संभावित मौजूदगी ने एक नया डर पैदा कर दिया है। क्या यह तेंदुआ अकेला था या फिर यह किसी बड़े खतरे का सिर्फ एक हिस्सा था? पोस्टमार्टम की रिपोर्ट का इंतजार अब पूरे गांव को है, जो इस रहस्य से पर्दा उठा सकती है। तब तक, खड़ाना गांव के लोग सतर्कता बरत रहे हैं, और वन विभाग की टीमें जंगल की हर गतिविधि पर नजर रख रही हैं। लेकिन इस पूरी कहानी में अभी कई सवाल अनसुलझे हैं। सवाल यही कि क्या तेंदुए की मौत एक संयोग थी – या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है? क्या खड़ाना गांव अब सुरक्षित है – या जंगल में अभी भी कोई अनदेखा खतरा मंडरा रहा है?
Written by khabarilal.digital Desk
 संवाददाता: राहुल चौहान
 संवाददाता: राहुल चौहान
 लोकेशन: बागपत, यूपी
 लोकेशन: बागपत, यूपी
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