Unique Kanwar : ऐसी कांवड़ देखी नहीं होगी!
हरिद्वार से कांवड़ यात्रा में भक्त हर साल अपनी अनूठी और भव्य कांवड़ों के साथ भगवान शिव की भक्ति में लीन नजर आते हैं। इस बार एक ऐसी कांवड़ सुर्खियों में है – जो अपनी छोटी सी बनावट के कारण सबका ध्यान खींच रही है। महज 10 इंच की इस कांवड़ में भगवान शिव अपने तीन रूपों—महाकाल, पिंडी और नागराज के साथ त्रिशूल और डमरू के साथ ट्रैक्टर पर सवार होकर बागपत पहुंचे हैं। यह अनूठी कांवड़ न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी दे रही है।
Unique Kanwar 10 इंच की कांवड़: छोटा आकार, बड़ा संदेश
हरियाणा के खांडे गांव के रहने वाले बंटी और उनके साथी हर साल कांवड़ यात्रा में हिस्सा लेते हैं। इस बार उन्होंने 10 इंच की छोटी कांवड़ बनाई, जो भगवान शिव के तीन रूपों—महाकाल, पिंडी और नागराज—को समेटे हुए है। बंटी का कहना है कि उनकी कांवड़ हर बार कुछ नया और अनूठा संदेश देती है। इस साल उन्होंने छोटी कांवड़ इसलिए बनाई ताकि सरकार के 10 फुट से ऊंची कांवड़ों पर लगाए गए प्रतिबंध का पालन हो और यात्रा में कोई हादसा या असुविधा न हो।
Unique Kanwar ट्रैक्टर पर सवार महादेव: भक्ति का अनोखा अंदाज
सावन के दूसरे सोमवार पर सुबह-सुबह यह छोटी सी कांवड़ बागपत के बड़ौत क्षेत्र में पहुंची। ट्रैक्टर पर सजी इस कांवड़ में भगवान शिव के तीन रूपों को देखकर श्रद्धालु आश्चर्यचकित हैं। कांवड़ में डमरू, त्रिशूल और नागराज की मौजूदगी इसे और भी आकर्षक बनाती है। बंटी और उनके साथियों ने इस कांवड़ को सजाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, जिससे यह छोटी होने के बावजूद भव्य और मनमोहक दिखाई देती है।

Unique Kanwar सरकार के नियमों का सम्मान: भक्ति में अनुशासन
सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान 10 फुट से ऊंची कांवड़ों पर रोक लगाई है ताकि सड़क हादसों और अन्य असुविधाओं से बचा जा सके। बंटी और उनके साथियों ने इस नियम का सम्मान करते हुए अपनी कांवड़ को सबसे छोटा रूप दिया। उनका कहना है कि भक्ति का आकार से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह मन की श्रद्धा और नीयत पर निर्भर करती है। इस 10 इंच की कांवड़ के जरिए वे यही संदेश देना चाहते हैं।
Unique Kanwar हरिद्वार से बागपत तक: श्रद्धा की अनूठी यात्रा
हरिद्वार से शुरू हुई यह कांवड़ यात्रा बागपत के बड़ौत तक पहुंच चुकी है। बंटी और उनके साथी इस छोटी कांवड़ को लेकर पूरे उत्साह के साथ यात्रा कर रहे हैं। उनकी यह पहल न केवल भक्तों के बीच चर्चा का विषय बनी है, बल्कि आम लोगों को भी सुरक्षित और अनुशासित कांवड़ यात्रा का महत्व समझा रही है। यह कांवड़ अपनी सादगी और संदेश के कारण लोगों के बीच खास बन गई है।
Unique Kanwar भक्ति में यूनिकनेस: हर बार नया प्रयोग
बंटी का कहना है कि वे हर साल अपनी कांवड़ को यूनिक बनाने की कोशिश करते हैं। इस बार 10 इंच की कांवड़ बनाकर उन्होंने न केवल सरकारी नियमों का पालन किया, बल्कि भक्ति में सादगी और अनुशासन का संदेश भी दिया। यह कांवड़ छोटी होने के बावजूद अपने आप में एक अनूठा कलात्मक और धार्मिक नमूना है, जो भगवान शिव के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा को दर्शाता है।

यह अनूठी कांवड़ न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह भी सिखाती है कि सच्ची श्रद्धा आकार में नहीं, बल्कि मन की भावना में होती है। बंटी और उनके साथियों की यह पहल कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और सार्थक बनाने में एक मिसाल है।
Written by khabarilal.digital Desk
संवाददाता: राहुल चौहान
लोकेशन: बागपत, यूपी
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