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Meat Pieces Firozabad Kanwar Yatra से जुड़ी यह घटना सिर्फ सड़क पर फेंके गए मांस की नहीं, श्रद्धा पर फेंके गए शक और साजिश की भी है। फिरोजाबाद के कोटला चुंगी फ्लाईओवर से कांवड़ यात्रा मार्ग पर अचानक किसी ने मांस के टुकड़े फेंक दिए।
Meat Pieces Firozabad Kanwar Yatra: श्रद्धा के रास्ते में फेंका गया “संदेश”
रविवार की रात, फिरोजाबाद का एक फ्लाईओवर अचानक मांस वितरण केंद्र में बदल गया। फर्क बस इतना था कि डिलीवरी पोलीथीन में की गई और रसीपींट्स बनने से बाल-बाल बच गए.. भोले के भक्त। कोटला चुंगी चौराहे पर कांवड़ियों की लाइन चल रही थी, तभी अचानक ऊपर से कुछ ऐसा गिरा, जिसकी कभी किसी ने कल्पना नहीं की थी।
ये न दृश्य था और न दुर्घटना… ये था ‘संकेत’। किसका? ये तो जांच बताएगी, मगर मकसद? वो शांति बिगाड़ने से ज़्यादा और क्या हो सकता है?
Meat Pieces Firozabad Kanwar Yatra: आस्था पर फेंका गया ‘टुकड़ा टुकड़ा गैंग’ का गुस्सा?
घटना के बाद लोगों में ग़ुस्सा भड़क उठा। सड़क पर सिर्फ मांस नहीं, धैर्य भी बिखर गया। जयकारों की जगह आक्रोश गूंजने लगा। लेकिन इससे पहले कि माहौल बारूद बने, पुलिस आई – और अपने स्टाइल में सफाई कर डाली। सीओ अरुण चौरसिया और थानाध्यक्ष संजुल पांडेय ने मौके पर पहुंचकर मांस को हटवाया, और जनता को फूलों से मनाया।
जी हाँ, “Pushp Vrishti” यानी पुलिसिया पैकेज – मांस हटाओ, फूल बरसाओ और जनता को शांति का illusion दिखाओ।
Meat Pieces Firozabad Kanwar Yatra: कार्रवाई में फुर्ती, जांच में सुस्ती?
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई तो दिखाई, लेकिन जैसे ही सवाल उठे – “किसने फेंका?”, तो जवाब आया – “जांच जारी है”। यूपी पुलिस के पास हर सवाल का यही स्प्रेडशीट टेम्प्लेट है। कोई कैमरा नहीं, कोई गवाह नहीं, और हां – कोई संदिग्ध भी नहीं!
क्या ये घटना आकस्मिक थी या सुनियोजित? पुलिस इसकी जांच कर रही है।
Meat Pieces Firozabad Kanwar Yatra: ये ‘मांस फेंको आंदोलन’ है या कोई ट्रायल रन?
कुछ महीने पहले भी कुछ शरारती हरकतें हाथरस, गाजियाबाद, और बुलंदशहर में भी देखी गईं थीं। जहां भी कांवड़ निकलती है, कोई न कोई ‘कांवड़ विरोधी’ एक्टिव हो जाता है। क्या ये सोशल हार्मनी को छेड़ने की तैयारी है? या फिर सांप्रदायिक divide का rehearsal?
फिरोजाबाद में भले ही पुलिस ने सफाई कर दी हो, लेकिन सवाल तो अब भी सड़कों पर पड़े हैं – कब तक पुलिस सिर्फ फूल बरसाएगी और या उन आरोपियों को भी पकड़ेगी, जिन्होंने ये काम किया ?
Meat Pieces Firozabad Kanwar Yatra: साजिश का बीज या सिस्टम की चुप्पी?
कांवड़ यात्रा न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि सामाजिक सहभागिता का प्रतीक भी है। ऐसे में अगर श्रद्धा के मार्ग पर मांस बिछाया जाए, तो ये सिर्फ निंदनीय नहीं, अघोषित युद्ध की घोषणा जैसा है।
लेकिन अफसोस, ऐसे मौकों पर हमारा तंत्र या तो साइलेंट मोड में चला जाता है या फूल बरसाने में व्यस्त रहता है। शायद उसे अब “एंटी-स्प्रिंकलर” की ज़रूरत है, जो गंदगी फेंकने वालों पर सीधे बरसे।
Meat Pieces Firozabad Kanwar Yatra की ये घटना दिखाती है कि श्रद्धा के रास्ते में अब कांटे नहीं, मांस के टुकड़े बिछाए जा रहे हैं। पुलिस चाहे जितना फूल बरसाए, जब तक जवाबदेही की धार नहीं होगी, तब तक ये साजिशें रास्ता काटती रहेंगी। लिहाजा पुलिस को अब ऐसे लोगों के खिलाफ वो कदम उठाना चाहिए, जो एक नजीर बन जाए

 
         
         
         
         
        
फिरोजाबाद- कांवड़ यात्रा मार्ग पर कांवड़ियों पर मांस फैंकने वाले दोषियों को चिन्हित कर कठोरतम कार्यवाही हो।
जिससे ऐसे लोगों और ऐसी सोच रखने वालों की की रुह कांप जाये। और भविष्य में ऐसी जघन्य घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
ऐसी घटनाएं शहर-प्रदेश-देश का माहौल बिगाड़ सकती हैं।