 
                  Firozabad News: समाधान दिवस में समाज कल्याण अधिकारी की झपकी, शिकायतकर्ताओं की नाराजगी
Firozabad News: फिरोजाबाद के शिकोहाबाद तहसील में हाल ही में आयोजित समाधान दिवस की एक घटना ने सबका ध्यान खींचा. इस बार चर्चा का विषय न तो कोई बड़ी शिकायत थी और न ही कोई नया फैसला, बल्कि समाज कल्याण अधिकारी रामरति का बैठक के दौरान सो जाना रहा. जी हां, आपने सही सुना! जिस समाधान दिवस में लोगों की समस्याएं सुनने और हल करने की बात होती है, वहां एक जिम्मेदार अधिकारी की झपकी ने सारा माहौल बदल दिया.
सावधान! मैम साहब सो रहीं हैं !
बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे जिलाधिकारी रमेश रंजन. उनके साथ एसएसपी सौरभ दीक्षित, सीडीओ, सीएमओ और कई अन्य अधिकारी मौजूद थे. समाधान दिवस का मकसद तो यही है कि आम लोग अपनी समस्याएँ लेकर आएं और उनका तुरंत समाधान हो. लेकिन इस बार मामला कुछ उल्टा ही हो गया. समाज कल्याण अधिकारी रामरति बैठक में बैठे-बैठे सो गईं. जब जिलाधिकारी जाने लगे, तब वो हड़बड़ाकर उठीं. ये देखकर लोग हैरान भी हुए और थोड़ा नाराज भी. आखिर जो अधिकारी लोगों की समस्याएं सुनने के लिए बैठे हैं, अगर वही ध्यान न दें तो भला समाधान कैसे होगा?
लोगों ने उठाए व्यवस्था पर सवाल
बैठक में ज्यादातर शिकायतें नगरपालिका से जुड़ी थीं. लोगों ने जलभराव, नालियों की खराब हालत और खड़ंजा न होने की समस्याएं उठाईं. खासकर मोहल्ला शंकरपुरी के लोग अपनी परेशानियों को लेकर बहुत परेशान दिखे. बारिश के दिनों में उनके घरों के आसपास पानी भर जाता है, जिससे न सिर्फ आवागमन मुश्किल होता है, बल्कि बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. लेकिन उनकी बात सुनने के लिए जब वो समाधान दिवस में पहुंचे, तो पुलिस और नगरपालिका के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) ने उन्हें बैठक स्थल के अंदर जाने से रोक दिया. ये बात मोहल्ले वालों को बिल्कुल पसंद नहीं आई. उनकी नाराजगी जायज भी थी, क्योंकि जिस मंच पर उनकी बात सुनी जानी थी, वहां उन्हें अंदर जाने का मौका ही नहीं मिला.
आम आदमी का भरोसा टूट रहा है !
थानाध्यक्ष शिकोहाबाद अनुज कुमार ने बाहर खड़े लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि माहौल गर्म होता जा रहा था. शिकायतकर्ताओं ने अपनी बात रखने की पूरी कोशिश की, और सीडीओ फिरोजाबाद ने भी उनकी समस्याओं को सुना. लेकिन जब जिम्मेदार अधिकारी ही बैठक में पूरी तरह सक्रिय न हों, तो लोगों का भरोसा टूटना लाजमी है.
ऐसे कैसे समस्या का होगा समाधान ?
ये घटना कई सवाल खड़े करती है. समाधान दिवस जैसे आयोजन जनता की समस्याओं के लिए होते हैं, लेकिन अगर अधिकारियों का रवैया ढीला हो या शिकायतकर्ताओं को सुनने का मौका ही न मिले, तो इसका उद्देश्य कैसे पूरा होगा?
फिरोजाबाद के लोगों को उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों में न सिर्फ उनकी बात सुनी जाएगी, बल्कि उनकी समस्याओं का समाधान भी होगा. समाज कल्याण अधिकारी की इस झपकी ने भले ही सुर्खियां बटोरीं, लेकिन असल में जरूरत है व्यवस्था में सुधार की, ताकि जनता का भरोसा बना रहे.

 
         
         
         
        