 
                  Baghpat News: खाटूश्याम की भक्ति और भोले की कृपा, एक झटके में बदल गई ज़िंदगी!
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Baghpat News: बागपत की धरती पर इन दिनों कांवड़ यात्रा का जोश और भक्ति का रंग चरम पर है. हर तरफ भोले के भक्तों का उत्साह देखते बनता है, लेकिन इस बार एक भक्त की ऐसी चमत्कारी कहानी सामने आई है, जो हर किसी को हैरान कर रही है. ये कहानी है सोनीपत के नीशू सैनी की, जिनकी खाटूश्याम के प्रति दीवानगी ने एक अनोखा चमत्कार रच दिया. नीशू अपनी कांवड़ यात्रा में सिर पर सजे-धजे खाटूश्याम को लेकर हरिद्वार से निकले हैं और नाचते-झूमते हुए अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं. उनकी कहानी सुनकर लगता है कि सच्ची भक्ति सचमुच चमत्कार कर सकती है. नीशू का दावा है कि जिन खाटूश्याम की कांवड़ लेकर वो आगे बढ़ रहे उन बाबा खाटूश्याम के अलौकिक रुप के दर्शन उन्हें लगातार एक ख़ास वस्तु में हो रहे थे.

खाटूश्याम ने दिए हेलमेट में दर्शन
नीशू की कांवड़ की खास बात ये है कि उन्होंने सिर पर जो खाटूश्याम की मूर्ति सजाई है, वे कोई आम मूर्ति नहीं है. ये मूर्ति उन्होंने खुद अपने हाथों से एक हेलमेट पर बनाई है. सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन नीशू की कहानी इसे और खास बनाती है. नीशू बताते हैं कि वे पहले एक दुकान पर काम करते थे. वहां उनके मालिक का एक हेलमेट था, जिसमें उन्हें बार-बार खाटूश्याम के दर्शन होते थे. वे उस हेलमेट को घंटों निहारते रहते थे, जैसे उनके आराध्य उसी में बसे हों. उनकी ये दीवानगी इतनी बढ़ी कि उन्होंने मंदिरों और दुकानों पर खाटूश्याम की मूर्ति ढूंढनी शुरू की, लेकिन उन्हें वे रूप कहीं नहीं मिला, जो हेलमेट में दिखता था. जब उनके मालिक को ये बात पता चली, तो उन्होंने वे हेलमेट नीशू को दे दिया. नीशू ने फिर उस हेलमेट पर अपनी कला और भक्ति से खाटूश्याम का सुंदर रूप उकेर दिया. आज वही हेलमेट उनकी कांवड़ का हिस्सा है, जिसे वे सिर पर सजाकर कांवड़ यात्रा में निकले हैं.

भक्ति की शक्ति, गलत आदत छूटी
नीशू की जिंदगी की कहानी भी कम रोचक नहीं है. वे बताते हैं कि पहले वे शराब के आदी थे. जिंदगी में कोई ठिकाना नहीं था, लेकिन एक दिन उनके दोस्त ने उन्हें खाटूश्याम के मंदिर ले गए. वहां से उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई. शराब की दुकानों से उन्हें नफरत होने लगी और हर जगह बस खाटूश्याम दिखने लगे. “हारे का सहारा” कहे जाने वाले खाटूश्याम की भक्ति में वे इस कदर रंग गए कि उन्होंने अपने आराध्य को मनमोहन श्रंगार में सजाया और हरिद्वार पहुंच गए. अब वे सिर पर खाटूश्याम को सजाए, नाचते-गाते हुए कांवड़ यात्रा में निकल पड़े हैं. उनकी ये भक्ति देखकर हर कोई हैरान है.

मन में है विश्वास..तो ज़रुर होगा कल्याण
नीशू की ये कहानी सिर्फ भक्ति की बात नहीं करती, बल्कि ये भी दिखाती है कि सच्चा विश्वास और लगन किसी की जिंदगी को कैसे बदल सकती है. एक हेलमेट को अपने आराध्य का रूप देना और उसे सिर पर सजाकर कांवड़ यात्रा में निकल पड़ना, ये कोई साधारण बात नहीं है.

बागपत में नीशू की ये अनोखी कांवड़ हर किसी के लिए प्रेरणा बन रही है. लोग उनकी भक्ति को देखकर कहते हैं कि सच्चे मन से की गई भक्ति कभी खाली नहीं जाती. नीशू की ये कहानी हमें सिखाती है कि अगर मन में विश्वास और दिल में भक्ति हो, तो चमत्कार जरूर होता है.
बागपत से राहुल चौहान की रिपोर्ट

 
         
         
         
        