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“Bulandshahr के Khurja में दो मुस्लिम युवतियों ने प्रेम और परंपरा के संगम से रच दी ऐसी कहानी, जिसे अब पूरा देश ‘Muslim Girls Hindu Marriage’ कहकर गूगल कर रहा है।
Muslim Girls Hindu Marriage: बुलंदशहर में प्रेम, परंपरा और परिवर्तन !
बुलंदशहर में इतिहास ने करवट ली है। नूरफातिमा और स्वलेहीन नाम की दो मुस्लिम लड़कियां जब आरती की थाली लिए आर्य समाज मंदिर पहुंचीं, तो आरती में सिर्फ लौ नहीं थी, एक नई सोच की चिंगारी भी थी। उन्होंने धर्म से ज़्यादा रिश्ता चुना, और मोहब्बत से आगे संस्कार।
Arya Samaj Temple Khurja बना ‘संस्कारों का संसद भवन’। Muslim Girls Hindu Marriage
खुर्जा स्थित आर्य समाज मंदिर ने शनिवार को एक अनूठा विवाह समारोह देखा। यहां कोई DJ नहीं था, ना ही बैंड-बाजा, लेकिन थीं दो बेटियां, जो मुस्लिम नाम छोड़ हिंदू रीति-रिवाज में रमने को तैयार थीं।
नूरफातिमा बनीं नीलम, और गौरव कुमार के संग सात फेरे लिए। दूसरी ओर, स्वलेहीन बनीं शालिनी, जिन्होंने अमित कुमार के संग अग्नि को साक्षी मानकर विवाह किया।
प्रेमी जोड़े बोले: दिल से दिल मिला, बाकी सब सेकेंडरी। Muslim Girls Hindu Marriage

दोनों जोड़ियों का ताल्लुक मुरादाबाद से है, लेकिन शादी खुर्जा में हुई। कोई डर नहीं, कोई घबराहट नहीं। आर्य समाज की पवित्र अग्नि के समक्ष, इन चारों ने वादा किया – धर्म, जाति, नाम सब बाद में… पहले प्यार, फिर परंपरा।
VHP का आशीर्वाद और “वामपंथी बौखलाहट”। Muslim Girls Hindu Marriage
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत परिवर्तन प्रमुख सुनील कुमार सोलंकी ने खुद इस विवाह को आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा – “ये परिवर्तन नहीं, ये आत्म-ज्ञान है। जब लड़कियाँ खुद फैसला लें, तो इसे ‘लव जिहाद’ कहने वाले क्या कहेंगे?”
और वामपंथी खेमों में जैसे बत्ती गुल! जो रोज धर्मांतरण की बहस में आग लगाते हैं, वो अब दीपक की लौ बुझने का बहाना ढूंढ रहे हैं।
Conversion Marriage या नया कल? Muslim Girls Hindu Marriage बना ट्रेंड
इन शादियों में जबरन कुछ नहीं था। कोई काजी नहीं, कोई अदालत नहीं। सिर्फ मोहब्बत, स्वेच्छा और संस्कार। मुस्लिम लड़कियों ने खुद नाम बदला, खुद धर्म अपनाया, खुद अग्नि को साक्षी मानकर वचन दिए।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही हैं ‘नीलम-शालिनी’

अब इन दोनों बहादुर बेटियों को सोशल मीडिया पर #LoveSanskarGirls, #MuslimGirlsHinduMarriage जैसे टैग्स से सराहा जा रहा है।
कुछ यूजर्स ने लिखा: “कभी घर वापसी, कभी संस्कार वापसी, अब ये है प्रेम वापसी!”
राजनीति की चालें और धर्म की दीवारें, दोनों ध्वस्त!
ये शादी एक व्यक्तिगत फैसला थी, लेकिन समाज के लिए सवाल। क्या अब लड़कियों का फैसला ‘नैरेटिव’ से ऊपर माना जाएगा? क्या अब भी कोई इसे प्रेरणा कहने की हिम्मत करेगा, या फिर ‘डिबेट का डोज़’ बनेगा?
Happy Ending, With A Twist!
नीलम और शालिनी अब नए जीवन की शुरुआत कर चुकी हैं। खुर्जा की धरती ने मोहब्बत को फिर साबित कर दिया है –
“धर्म भले अलग हो, जब आत्मा प्रेम में हो, तो अग्नि भी मुस्कुराती है!”

 
         
         
         
        