 
                                                      
                                                Banke Bihari Corridor Protest
Banke Bihari Corridor Protest वृंदावन में सिर्फ एक विकास परियोजना का विरोध नहीं, बल्कि आस्था की जड़ें बचाने की लड़ाई बन चुकी है। 51 दिन से गोस्वामी और व्यापारी समाज की महिलाएं मंदिर के गेट पर दीप जलाकर कोरिडोर और अध्यादेश के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध कर रही हैं।
Banke Bihari Corridor Protest – 51 दीप और एक मांग: कोरिडोर वापस लो
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर पर शुक्रवार को विरोध का 51वां अध्याय लिखा गया। मंदिर के नंबर एक गेट पर बैठी गोस्वामी और व्यापारी समाज की महिलाओं ने 51 दीप जलाकर ठाकुरजी से प्रार्थना की कि इस ‘विकास’ के नाम पर थोपे गए कोरिडोर और अध्यादेश से ब्रज की आत्मा को मुक्ति मिले। महिलाओं ने एक स्वर में कहा—बांके बिहारी हमारे हैं, हम उनके। किसी सरकारी फ़ाइल की मुहर से नहीं, हरिदास बाबा के नाम से जुड़ा है ये संबंध।
Corridor Controversy in Vrindavan – कोरिडोर बना ब्रजवासियों के धैर्य की परीक्षा
गोस्वामी समाज की नीलम गोस्वामी कहती हैं कि यह कोरिडोर नहीं, राक्षसी योजना है। आज हम शांति से विरोध कर रहे हैं, लेकिन अगर सरकार ने इसे नजरअंदाज किया तो यही आंदोलन चुनाव में भाजपा की नींव हिला देगा। उन्होंने चेतावनी दी कि 27 और 29 के निकाय चुनावों में इसका असर दिखेगा। जब ठाकुर जी के घर को बिना पूछे बदलने की साजिश हो, तो भक्त चुप कैसे रहें?
Banke Bihari Corridor Protest Continues – 51 दिन, कोई जवाब नहीं
प्रदर्शन के 51 दिन बीत गए, लेकिन अभी तक सरकार ने एक शब्द कहना भी जरूरी नहीं समझा। श्याम गोस्वामी कहते हैं—जब सरकार झुकना नहीं जानती, तो ब्रजवासी पीछे हटना नहीं जानते। 51 दिन से बहु-बेटियाँ धूप में बैठीं हैं, लेकिन प्रशासन कानों में रूई ठूंसे बैठा है। सवाल ये है कि क्या सरकार के लिए कांवड़ यात्रा ही सब कुछ है, और ठाकुर जी का मंदिर कुछ नहीं?
Vrindavan Corridor Dispute – विकास या विनाश?

श्रद्धा खंडेलवाल का कहना है—अगर सरकार को वाकई विकास करना है तो पहले मूल समस्याओं का समाधान करे। कोरिडोर की बजाय यमुना किनारे खाली पड़ी ज़मीन पर निर्माण करे। ठाकुरजी की कुंज गलियों को मिटा कर ब्रज की आत्मा को आहत करना, कोई विकास नहीं, आध्यात्मिक विनाश है।
Banke Bihari Corridor Protest – जनता की आवाज़ क्यों अनसुनी?
यह सवाल उठता है कि जब आंदोलन शांतिपूर्ण है, महिलाएं हर रोज़ ठाकुरजी के गेट पर दीप जलाकर विरोध कर रही हैं, तब सरकार किस बात का इंतज़ार कर रही है? क्या सरकार को आंदोलन में हिंसा की चिंगारी चाहिए, तभी उसकी आंख खुलेगी? भक्त कह रहे हैं—हम गिड़गिड़ाएँगे नहीं, पर हटेंगे भी नहीं। ये आंदोलन अब आत्मा की पुकार है।
Banke Bihari Corridor Protest – आस्था के आगे आदेश क्यों?
ब्रज के लोग पूछते हैं—कोरिडोर से क्या श्रद्धा का विस्तार होगा या भक्तों की पहचान मिटेगी? सरकार ने बिना संवाद, बिना सहमति अध्यादेश थोप दिया। क्या लोकतंत्र में जनता की भावनाएं कोई मायने नहीं रखतीं? एक ही स्वर में भक्तों की पुकार गूंज रही है—बांके बिहारी मंदिर विकास नहीं, श्रद्धा का केंद्र है। इसे कंक्रीट में मत बदलो।
Banke Bihari Corridor Protest – चुनावी परिणामों पर पड़ेगा असर?
गोस्वामी समाज और व्यापारी समुदाय का यह दावा कि अगर सरकार पीछे नहीं हटी तो यह विरोध अब वोट में बदलेगा। भाजपा के लिए ब्रज की धरती पर यह आस्था की अग्निपरीक्षा बन सकती है। जो सरकार ठाकुर जी की धरती पर भक्तों की पुकार नहीं सुन रही, क्या वो आम जनता के भरोसे को निभा पाएगी?
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: अमित शर्मा 
📍 लोकेशन: मथुरा, यूपी
#BankeBihariProtest #VrindavanCorridor #TempleCorridor #BankeBihariTemple #GoswamiSamaj #Khabrilal #VrindavanNews #ReligiousSentiment #CorridorControversy #ब्रजआंदोलन

 
         
         
         
        