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कांवड़ियों के लिए नहीं अब ‘फ्री स्टाइल’, सहारनपुर पुलिस ने बनाया ‘कड़क कानून’!
सहारनपुर में अब “बोल बम” की गूंज तो रहेगी, मगर उसके पीछे स्पीकर कितने वॉट का होगा, बाइक की गूंज कितनी कानफाड़ू होगी और हॉकी की छड़ी हाथ में होगी या न होगी — ये सब अब पुलिस तय करेगी। जी हां, कांवड़ यात्रा पर इस बार ‘kanwar yatra guidelines’ का ऐसा पहरा है कि भोलेनाथ भी शायद कह दें — “बस करो भक्तों, अब सब कुछ लाइन से करो!”
🛵 साइलेंसर निकाला तो पाप लगेगा… और FIR भी! kanwar yatra guidelines
सहारनपुर पुलिस ने एलान कर दिया है — अब बाइक साइलेंसर निकाले तो समझो जेल की ‘डिग्गी’ में फंसे! बाइक की आवाज़ अब भोले बाबा के नाम पर नहीं, कानूनी धाराओं के नाम पर गूंजेगी। जिनको लगता है कि कांवड़ यात्रा मतलब ‘वीर रस में बाइक दौड़ाना’ — वो अब सीधे ‘वीरगति’ को प्राप्त हो सकते हैं… नियम उल्लंघन पर।
🔊 DJ तो बजेगा… पर decibel की औकात में! kanwar yatra guidelines

कांवड़ यात्रा में DJ न बजे, ये भला कैसे हो सकता है? मगर साहब, अब डीजे भी अपनी ‘हाइट’, ‘वॉल्यूम’ और ‘वजन’ माप कर ही चलेगा। ज्यादा वॉट का DJ = ज्यादा धारा! पुलिस साफ कह चुकी है कि डीजे की ऊंचाई-चौड़ाई का ध्यान न रखने पर कार्रवाई तय है।
“kanwar yatra guidelines” यहीं लागू होता है — यानी ‘आस्था हां, अव्यवस्था नहीं!’
डुबकी का मोह छोड़ो, गहराई से बचो! kanwar yatra guideline
कांवड़ियों को साफ निर्देश है कि नदी, नहर और राजवाहों में “डूबकी” मारने से परहेज करें। पुलिस ने तैराकी प्रेमियों को चेतावनी दी है कि गहराई से ज्यादा गहराई में खुद को न डालें — भक्त हैं, मगर ‘अभिनेता अक्षय कुमार’ नहीं।
नशा, हॉकी और त्रिशूल – सब ‘आउट ऑफ सिलेबस’। kanwar yatra guidelines
कांवड़ यात्रा में अब कोई नशा नहीं, न कोई लाठी डंडा! पुलिस ने साफ किया है — त्रिशूल, हॉकी, लाठी, डंडा छोड़िए और सिर्फ जल-कलश लेकर निकलिए। अब ये “आस्था की यात्रा” है न कि “आर्म्ड परेड”।
अकेले रात में निकलने की इजाजत नहीं, शिविर में भी शिष्टाचार जरूरी!
सहारनपुर पुलिस ने साफ किया है कि कोई भी कांवड़िया रात्रि में अकेले यात्रा न करे। साथ ही शिविरों में महिला कांवड़ियों के लिए तय क्षेत्र में पुरुषों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। “kanwar yatra guidelines” इस बार ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ मोड में हैं।
तो कुल मिलाकर कांवड़ यात्रा या पुलिस परीक्षा?

ऐसे में सवाल उठता है कि ये कांवड़ यात्रा है या पुलिस की ‘discipline drill’? लेकिन अगर सच पूछा जाए तो… ज़रूरी भी है। जब 60 लाख से ज़्यादा कांवड़िए सड़कों पर होंगे, तो थोड़ी सख्ती ही व्यवस्था को बनाए रखेगी।
कांवड़ियों को गंगा जल लाना है, गंदगी नहीं फैलानी है! kanwar yatra guideline
सहारनपुर पुलिस का ये अभियान सिर्फ नियम थोपने के लिए नहीं, बल्कि आस्था को सुरक्षित और अनुशासित बनाए रखने के लिए है। श्रद्धा के साथ-साथ शांति भी जरूरी है।

 
         
         
         
        