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Banda Flood Inspection | बाढ़ निरीक्षण बना फोटो सेशन
कहने को तो प्रदेश सरकार के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह बांदा में बाढ़ का जायजा लेने आए। बड़े-बड़े शब्द बोल गए — “यहां बाढ़ का कोई खतरा नहीं, सब कंट्रोल में है।” लेकिन खबरीलाल के जाबांज संवाददाता जब केन नदी के तटबंधों पर गए तो हकीकत खुद मुँह चिढ़ा गई। Banda Flood Inspection के नाम पर सिर्फ हवा-हवाई बयान और ज़मीन पर टूटी मिट्टी, रिसता पानी और तटबंधों में सेंध ही दिखी।
Banda Flood Inspection | मंत्री जी बोले- कंट्रोल में है सब!

मंत्री जी की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी से लेकर पुलिस अधीक्षक तक सड़क पर घूमते फोटो खिंचवाते नज़र आए। मगर केन नदी का सच छुपाए नहीं छुपता। चिल्ला घाट से मंत्री जी के काफिले ने तस्वीरें खिंचवाईं, मीडिया में बयान ठोका कि “मुख्यमंत्री जी के आदेश पर सब खुद देख रहा हूं।” लेकिन जिन गांवों में पानी घुसने को आमादा है, जिन खेतों में किसान तटबंध की मरम्मत के नाम पर खानापूरी देख रहे हैं — वहां अफसरशाही नदारद!
Banda Flood Inspection | तटबंधों में घोटाला, सिस्टम लाचार!
खबरीलाल ने केन नदी के तटबंधों की मरम्मत में अनियमितता की असली तस्वीर आपके सामने रखी थी। मिट्टी डालने के नाम पर आधे-अधूरे काम, ठेकेदार की चांदी, किसानों का दर्द! मजाल है मंत्री जी ने इस पर एक शब्द बोला हो? सब कंट्रोल में है — ये डायलॉग गांव के मजाक में बदल गया है। Banda Flood Inspection के नाम पर नेता अफसर फोटो सेशन कर रहे हैं, और उधर अगर आलम यही रहा तो बाढ़ गांवों को लीलने की तैयारी में है।
Banda Flood Inspection | बाढ़ बहा न ले जाए भरोसा!
मंत्री जी, अगर सच में किसान, गांव और गरीब की फिक्र है तो कागज़ी फाइलों से निकलकर तटबंधों पर आकर खुद फावड़ा उठाइए। वरना जनता बाढ़ से पहले आपकी घोषणाओं में बह जाएगी। खबरीलाल आपको याद दिलाता रहेगा कि Banda Flood Inspection सिर्फ भाषण नहीं, ज़मीन पर लीक होता तटबंध भी देखना होता है!


 
         
         
         
        