 
                                                      
                                                Bulldozer Politics:-बांदा
Bulldozer Politics: सत्ता की सनक या अंदरूनी साजिश?
बांदा में BJP की बुलडोजर राजनीति ने वो कर दिखाया, जो शायद विपक्ष भी न कर पाता! दिव्यांग ब्राह्मण बुजुर्ग का आशियाना पलभर में मलबा बन गया — बिना किसी चेतावनी, बिना किसी इंसानियत की ख़ैरियत। फिर पहुंचे BJP के ही पूर्व सांसद RK पटेल, और बोले– “हमारे ही घर के लोग घर गिरा रहे हैं।”
Bulldozer Politics की ये स्क्रिप्ट इतनी बेबाक है कि निर्देशक और कलाकार दोनों एक ही पार्टी के निकल आए।
Bulldozer Politics: BJP बनाम BJP, साजिश का खुलासा
पूर्व सांसद RK पटेल ने साफ कहा– “BJP को हराने की ताक़त किसी दल में नहीं, पर पार्टी के भीतर ज़रूर है!” बिना नाम लिए अध्यक्ष जिला पंचायत सुनील पटेल पर इशारा किया कि उन्हीं की शह पर दिव्यांग बुजुर्ग के घर पर बुलडोज़र चला।
Bulldozer Politics का ये नया चैप्टर बताता है कि जब सत्ता के भीतर ही कुर्सियों की लड़ाई शुरू हो जाए, तब गरीब का घर सबसे पहले टूटता है। सोशल मीडिया से लेकर गलियों तक सिर्फ एक ही सवाल– “ये बुलडोजर विकास का है, या सत्ता की अंदरूनी साजिश का?”
Bulldozer Politics: रोती बहू, गूंगी व्यवस्था, खामोश प्रशासन
पीड़ित परिवार की बहू मंजरी पांडे हाथ जोड़कर रोई– “मुख्यमंत्री जी, न्याय दिलाइये।” सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर भरोसा दिलाया– “हर स्तर तक लड़ेंगे।”

लेकिन सवाल बड़ा है– क्या Bulldozer Politics गरीब ब्राह्मण परिवार के खिलाफ ही चलेगा? क्यों न्याय की जगह सत्ता की हेकड़ी दिखती है? अगर घर मर्ज हो सकता है, गिराया जा सकता है– तो क्या सियासी ज़मीर भी मर्ज हो चुका है?
Bulldozer Politics: सवाल पूछता मलबा, जवाबदेही कहां है?
अब सवाल ये है कि Bulldozer Politics का ये बुलडोजर आखिर किसके इशारे पर चला? क्या सच में किसी अतिक्रमण को मिटाया गया या फिर किसी के सियासी अहंकार ने एक गरीब ब्राह्मण बुजुर्ग की ज़िंदगी का सपना रौंद दिया? सत्ता के गलियारों में कुर्सी की लुकाछिपी खेली जा रही है और नीचे ज़मीन पर घरों का मलबा उड़ रहा है। क्या ये वही ‘रामराज्य’ है, जहां न्याय को भी पार्टी लाइन पर तौल दिया जाता है? एक दिव्यांग परिवार, जिसकी आवाज़ पहले ही कमज़ोर थी, उसे प्रशासन और राजनीति ने पूरी तरह कुचल डाला। क्या Bulldozer Politics का यही मतलब है — कमजोर को रौंदो, मज़बूत को साधो? आज रोती बहू मंजरी पांडे की आंखों से जो सवाल बह रहे हैं, वो इस पूरे सिस्टम के माथे पर किसी तमाचे से कम नहीं। कब तक गरीब की आहें बुलडोजर के शोर में दबती रहेंगी? क्या इस मलबे से कोई नया भरोसा जन्म ले पाएगा? या Bulldozer Politics यूं ही भरोसे की दीवारों को गिराती रहेगी? सवाल आपकी अदालत में हैं, जवाब किसके पास हैं?
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: गुल मोहम्मद
📍 लोकेशन: बांदा, यूपी
#BulldozerPolitics #BandaNews #BJPinUP #UPPolitics #Justice #Divyang #Brahmin #YogiAdityanath

 
         
         
         
        