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Prayagraj Accident ने एक गरीब श्री राम निषाद की जान सड़क पर ही ले ली — हाइड्रा वाहन ने रफ्तार में कुचल दिया। हादसा प्रयागराज-मिर्जापुर हाईवे पर दिघीया चौकी के पास हुआ। गुस्साए गांव वालों ने चौराहे पर शव रखकर चक्का जाम कर दिया।
Prayagraj Accident: मौत की सड़क — इंसानियत का शव!
Prayagraj Accident का ये मंजर देखकर किसी पत्थर दिल का कलेजा भी कांप जाए। नरवर चौखटा का श्री राम निषाद — जिसने कभी सोचा भी नहीं होगा कि घर से निकलेगा और हाइड्रा वाहन उसे यूं रौंद कर चला जाएगा। दिघीया चौकी के पास उसका लहूलुहान जिस्म सड़क पर पड़ा था — और सड़क पर उसके खून से लिखी इबारत — यहाँ इंसान की जान से सस्ता RTO का परमिट है! Prayagraj Accident पूछता है — कोई ज़िंदा बचे तो कैसे?Prayagraj Accident
Prayagraj Accident: RTओ का राज — मौत की कमाई!
Prayagraj Accident के बाद गांव वाले चीखे — चक्का जाम किया — सड़क जाम कर दी — लेकिन RTO बाबू अपनी मेज पर रसीद बुक खोल कर बैठे हैं। हाइड्रा जैसे बेलगाम वाहन बिना चेकिंग के दौड़ते हैं — क्योंकि हर हाइड्रा मालिक हर महीने RTO की जेब गरम करता है। Prayagraj Accident ने एक बार फिर खोल दी वो सच्चाई — सड़क पर इंसानियत के शव बिछेंगे, लेकिन RTO अफसरों के बंगले में AC चलता रहेगा!
Prayagraj Accident: हाईवे बना मौत का हाइवे — प्रशासन बना तमाशबीन!
Prayagraj Accident के बाद श्री राम निषाद की लाश से ज्यादा बड़ी लाश इस सिस्टम की है। हाईवे पर रोज़ कौन सा ओवरलोड वाहन कब किसे रौंद दे — कोई पूछने वाला नहीं। चालान वहीं कटता है जहां जेब नहीं गरम होती। Prayagraj Accident चीख-चीख कर कह रहा है — सड़क सुरक्षा के नाम पर सिर्फ वसूली होती है। हेलमेट नहीं तो चालान, पेपर नहीं तो चालान — लेकिन हाइड्रा जैसे राक्षस आराम से फर्राटे मारते दौड़ते हैं। क्यों? क्योंकि RTO बाबू की उगाही मशीन चालू रहती है!
Prayagraj Accident: शव पर सियासत — इंसाफ को तरसता परिवार!
Prayagraj Accident में श्री राम निषाद की मौत के बाद उनका परिवार क्या करे? किसी ने सोचा? पत्नी की आँखों में आँसू सूख गए, बच्चों की किताबें अब सिर्फ गीली मिट्टी में पड़ी हैं। चक्का जाम कर दिया — ताकि कोई पूछे — पर कोई नहीं आया। अफसर लोग मौके पर आकर बस आश्वासन के टुकड़े डाल गए। Prayagraj Accident फिर पूछता है — RTO साहब, जरा उन नोटों के बीच किसी गरीब की लाश भी गिन लीजिए!
Prayagraj Accident: कब तक सड़क पर ऐसे शव बिछेंगे?
Prayagraj Accident का सवाल है — कब तक? कब तक हाइड्रा, डंपर, ओवरलोड ट्रक इस देश की सड़कों पर कातिलों की तरह घूमते रहेंगे? कब तक RTO हर ट्रक का हफ्ता खाकर आंखें मूंदे बैठेगा? कब तक श्री राम निषाद जैसे लोग सड़क पार करने की कीमत अपनी जान देकर चुकाएंगे? Prayagraj Accident कहता है — अगर इस बार कुछ नहीं बदला तो अगली लाश आपके घर से भी उठ सकती है!

 
         
         
         
        