 
                  Moradabad News: OYO में संदिग्ध गतिविधि, मच गया गदर, पुलिस आई
Moradabad News: मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र में रतूपुरा रोड पर स्थित एक OYO होटल के बाहर जमकर हंगामा हुआ. स्थानीय महिलाओं और पड़ोसियों ने होटल में संदिग्ध गतिविधियों का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. गुस्साई महिलाओं ने होटल का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और होटल को स्थायी रूप से बंद करने की मांग की. उनका कहना है कि इस होटल की वजह से क्षेत्र का माहौल खराब हो रहा है और बच्चों की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है।
OYO में युवक और युवती, हंगामा मचा
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. बताया जा रहा है कि होटल के अंदर चार लड़के और चार लड़कियां मौजूद थे. शुरुआत में डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन बिना कोई कार्रवाई किए लौट गई, जिससे प्रदर्शनकारी और भड़क गए. कई घंटों के हंगामे के बाद कोतवाली पुलिस ने होटल में दबिश दी और सभी आठ युवाओं को हिरासत में लिया. लड़कियों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया, जबकि चारों लड़कों को पूछताछ के लिए कोतवाली ले जाया गया.
“पुलिस हाय-हाय”
स्थानीय महिलाओं ने होटल के संचालन पर गहरी आपत्ति जताई. उनका कहना है कि इस तरह के होटल क्षेत्र में अनैतिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे आसपास के परिवारों, खासकर बच्चों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठाए और “पुलिस हाय-हाय” के नारे लगाकर सख्त कार्रवाई की मांग की.
कोतवाली प्रभारी ने संभाला मोर्चा
कोतवाली प्रभारी ने मौके पर पहुंचकर होटल के अंदर जांच की, लेकिन उन्होंने मीडिया को अंदर जाने से रोक दिया.प्रभारी का कहना था कि किसी की निजी जिंदगी में दखल नहीं देना चाहिए, लेकिन शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जांच की जा रही है.हालांकि, पुलिस की इस प्रतिक्रिया से स्थानीय लोग संतुष्ट नहीं दिखे और उन्होंने होटल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग दोहराई.
ठाकुरद्वारा क्षेत्र में OYO पर चर्चा
ये घटना ठाकुरद्वारा क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस तरह के होटल न केवल क्षेत्र की शांति भंग कर रहे हैं, बल्कि सामाजिक माहौल को भी प्रभावित कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि होटल को बंद नहीं किया गया तो वे और बड़ा आंदोलन करेंगे।
अब प्रशासन क्या करेगा ?
ये मामला न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि ये भी दर्शाता है कि स्थानीय समुदाय अपनी सुरक्षा और नैतिकता को लेकर कितना जागरूक है. अब देखना ये है कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या पीड़ित समुदाय की मांग पूरी होती है।

 
         
         
        