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🔫 Bulandshahr Looters Encounter : कुडबल बनारस बेब की पटरी पर गोलियों की बारिश
बुलंदशहर के कुडबल बनारस बेब की पटरी पर शुक्रवार देर शाम एक ऐसा तमाशा हुआ कि सारा शहर दहल गया! दरअसल हुआ ये कि,पुलिस ने कुडबल बनारस बेब की पटरी पर संदिग्ध बाइक सवारों को रोकने की कोशिश की। लेकिन लुटेरों ने रुकने की बजाय सीधे कट्टे तान दिए। फिर क्या था — अंधाधुंध फायरिंग शुरू(Looters Encounter)! पुलिस टीम ने भी जवाब में ठांय-ठांय कर दी। नतीजा — दोनों लुटेरे जमीन पर लोट गए, गोली खा बैठे और फिर लुटेरों के गुर्गों की हिम्मत भी हिल गई।
आलम और इरफान की लूट की दुकान बंद
मुठभेड़ में घायल हुए लुटेरों के नाम हैं आलम और इरफान — पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक Irfan का आपराधिक इतिहास किसी पुरानी गैंगस्टर स्क्रिप्ट से कम नहीं है। बीती 7 जुलाई को इन्होंने कोतवाली देहात इलाके में एक महिला टीचर को सरेराह रोककर सोने की चैन झटक ली थी। तभी से पुलिस को इनके का इंतजार था — और शुक्रवार देर शाम इनकी किस्मत का लूट अध्याय बंद हुआ। दोनों लुटेरों को गोली लगी, इलाज के नाम पर अस्पताल भेजा गया — ताकि जिंदा रहें और अगली चार्जशीट की शोभा बढ़ाएं।
🏍️ Bulandshahr Looters Encounter : तमंचा, बाइक और चैन बरामद

Looters Encounter में पुलिस ने दोनों के पास से दो तमंचे, जिंदा कारतूस, खोखा कारतूस और वो बाइक बरामद कर ली जिस पर बैठकर ये चैन छीनते थे। साथ में उसी टीचर की सोने की चैन भी बरामद हुई, जिसकी कीमत शायद लुटेरों की जेल यात्रा से कहीं कम निकलेगी! एसपी सिटी शंकर प्रसाद खुद बोले — “हमारी टीम ने बहुत बढ़िया काम किया, लुटेरे घायल हैं, अब जेल भेजेंगे।” मगर सवाल वही — ये Looters Encounter जैसी स्क्रिप्ट कब तक दोहराई जाएगी? सड़कें कब तक लुटेरों के हवाले रहेंगी?
Looters Encounter Bulandshahr : फायरिंग के बाद कौन अगला?
Bulandshahr Looters Encounter की ये स्क्रिप्ट बताती है कि पुलिस पेट्रोलिंग और मुखबिरों के तमगे चाहे जितने सीना फुला लें, मगर लुटेरों की फैक्ट्री अब भी तीन शिफ्ट में चालू है। आलम और इरफान जैसे चेहरे जेल में भी बैठकर अगली सुपारी लिख डालते हैं — आज गोली खाई है, कल बेल होगी — फिर वही कट्टा, वही बाइक, वही गली! पुलिस भी जानती है कि एक Looters Encounter से लुटेरों की फसल नहीं रुकेगी — हर मोहल्ले में ऐसी गोलाबारी की ज़रूरत है वरना रात होते ही चैन-स्नैचिंग गैंग अपनी गाड़ी में पेट्रोल भरवा कर निकल पड़ेगी। और फिर जनता — वो तो बस CCTV में दिखने वाले हेलमेट और नंबर प्लेट को गिनती रह जाएगी!
जनता बोले — लुटेरों को गोली कम, कानून की धार ज्यादा!

लोग अब कहते फिर रहे हैं — बहुत हुआ ये Looters Encounter वाला तमाशा! हर दो महीने में पुलिस गोली चलाए, अखबार रंग जाए — मगर इरफान जैसे पुराने काइयां कोर्ट से बेल पर हंसते-हंसते निकल आएं, तो मजाक किसका है? गोली चलाना बहादुरी नहीं, मजबूरी बन चुकी है — असली बहादुरी तब होगी जब इरफान-आलम जैसे प्रोफेशनल लुटेरे जेल की सलाखों से सूरज भी न देख पाएं। जनता के हाथ में चैन तब लौटेगी, जब लुटेरों के हाथ में सिर्फ हथकड़ी होगी। Bulandshahr में आज गोली चली, कल फिर चलेगी — सवाल वही रहेगा — कब चलेगी कानून की असली गोली, जो सीधे इनके बेल बॉन्ड को उड़ाएगी?
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: सुरेंद्र सिंह भाटी
📍 लोकेशन: बुलंदशहर, यूपी
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