 
                  Mathura News: मथुरा में धरे गए बड़े साहब, पूरे विभाग में मच गया हड़कंप!
Mathura News:मथुरा जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन की मुहिम लगातार रंग ला रही है. हर महीने भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारी और अधिकारी एंटी करप्शन की जद में आ रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को वन विभाग के प्रधान लिपिक किशोर चतुर्वेदी को ₹50,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया. इस कार्रवाई ने वन विभाग में हड़कंप मचा दिया है और भ्रष्टाचारियों में खौफ का माहौल पैदा कर दिया है.

लगातार मिल रहीं थीं शिकायतें
किशोर चतुर्वेदी के खिलाफ लंबे समय से रिश्वतखोरी की शिकायतें सामने आ रही थीं. स्थानीय लोगों ने उनके गलत कार्यों की बार-बार शिकायत की थी, जिसके बाद एंटी करप्शन की आगरा इकाई ने ठोस रणनीति के तहत कार्रवाई की. शुक्रवार दोपहर करीब 12:45 बजे, सामाजिक वन प्रभाग, सिविल लाइन कार्यालय में एंटी करप्शन की टीम ने छापेमारी की. ये कार्रवाई नगला हसनपुर में राजन सिंह द्वारा प्रस्तावित पेट्रोल पंप के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) से जुड़े मामले में हुई. किशोर चतुर्वेदी ने इस एनओसी के लिए ₹50,000 की रिश्वत मांगी थी. जैसे ही उन्होंने रकम अपने हाथों में ली, टीम प्रभारी सहवीर सिंह के नेतृत्व में एंटी करप्शन की टीम ने उन्हें धर दबोचा. इस मामले में थाना जमुना पार में मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है.

दिल खोलकर मांगी रिश्वत
शिकायतकर्ता रोहताश तंवर, पुत्र गंगाराम, निवासी प्रेमनगर खुर्द, थाना महावन, ने अपने साले राजन सिंह, पुत्र शिव प्रसाद, निवासी नगला पौहपी, थाना रिफाइनरी, के लिए ये कार्रवाई की. राजन सिंह के नाम पर भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड से वर्ष 2022 में पेट्रोल पंप स्वीकृत हुआ था. ये पेट्रोल पंप खसरा नंबर 18, नगला हसनपुर, आगरा-दिल्ली मार्ग पर स्थापित किया जाना था. इसके लिए सामाजिक वानिकी वन प्रभाग, मथुरा से एनओसी की आवश्यकता थी. किशोर चतुर्वेदी ने इस प्रमाण पत्र के लिए रिश्वत की मांग की, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने एंटी करप्शन को सूचित किया.

भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं
ये कार्रवाई मथुरा में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही सख्त नीति का हिस्सा है. जिला प्रशासन और एंटी करप्शन की टीमें भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं. किशोर चतुर्वेदी की गिरफ्तारी ने न केवल वन विभाग, बल्कि अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारियों को भी कड़ा संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ये घटना आम जनता में ये विश्वास जगाती है कि उनकी शिकायतों पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई होगी.

भ्रष्टाचारी कांप उठे
ऐसी कार्रवाइयों से भ्रष्टाचारियों में डर का माहौल पैदा हुआ है. मथुरा प्रशासन की सक्रियता और एंटी करप्शन की सतर्कता से ये स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार का रास्ता अब जेल की ओर ले जाता है. इस तरह की कार्रवाइयां भविष्य में भी भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.

 
         
         
        