Bihar Election 2025 – बिहार में ‘INDIA’ की सरकार बनाने के लिए पटना में महामंथन
BIHAR ELLECTION 2025 – बिहार में चुनाव का शंखनाद होने में भले ही अभी कुछ महीने का वक्त है। लेकिन सत्ता के सिंहासन को लेकर अभी से सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है। खासकर विपक्ष, नीतीश सरकार के अजेय रथ को इस बार हर कीमत पर रोकना चाहता है। ‘INDIA’ गठबंधन के नेता तो इसी तैयारी में जुटे हुए दिखाई पड़ रहे हैं। रविवार दिनांक 4 मई 2025 को होने वाली उनकी बैठक इसी ओर इशारा कर रही है।

बिहार में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव संभव
दअसल बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होना है। ऐसी संभावना है कि, चुनाव आयोग अक्टूबर या नवंबर में इलेक्शन करा सकता है। चुनाव भले ही अभी कुछ महीने दूर है,लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही अभी से सियासी चक्रव्यूह बना रहे हैं। एक दूसरे को मात देने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। जहां एक तरफ NDA नीतीश की अगुवाई में जीत का फिर परचम लहाराना चाहता है, तो वहीं बिहार में महागठबंधन की अगुवाई कर रहे तेजस्वी यादव अपने महारथियों के साथ नीतीश कुमार को इस बार सत्ता से बेदखल करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं।रविवार को पटना में होने वाली बैठक में इसी का मसौदा तैयार होने की उम्मीद है।

पटना में महागठबंधन का महामंथन
नीतीश के विजय रथ को रोकने के लिए दो बार मंथन कर चुके महागठबंधन के नेता पटना के दीघा रिसॉर्ट अब तीसरी अहम बैठक करने जा रहे हैं।इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।ऐसी उम्मीद है कि चुनावी तैयारियों से लेकर सीटों के बंटवारे तक सभी मुद्दो पर महागठबंधन के नेता चर्चा करेंगे। चुनाव कैसे लड़ना है, इसकी रणनीति क्या होगी कैसे NDA को मात दी जाए। इन मुद्दों पर महागठबंधन के महारथी मंथन करेंगे।
रविवार की बैठक का एजेंडा क्या?
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की अगुवाई में कांग्रेस, वीआईपी, वाम दलों के आला नेता इस बैठक में शिरकत करेंगे। दिग्गज नेताओं के अलावा पार्टी के MP, MLA, MLC, प्रदेश और जिला स्तर के पदाधिकारी और भी बैठक में भाग लेंगे। ऐसी उम्मीद है कि बैठक में एक न्यूतम साझा कार्यक्रम बनाया जा सकता है। जिसके बाद चुनावी घोषणा पत्र और कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर इलेक्शन लड़ेगी,इसे लेकर चर्चा की जा सकती है।
तेजस्वी यादव बनेंगे सीएम चेहरा
आरजेडी ने भले ही तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया हो, लेकिन कांग्रेस और वाम दल ने अभी इस पर मुहर नहीं लगाई है। हालांकि 17 अप्रैल को महागठबंधन की पहली बैठक में तेजस्वी यादव को को-ऑर्डिनेशन कमेटी का अध्यक्ष चुना गया था। लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में उनके चेहरे पर मुहर नहीं लग पाई थी। इस रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा कांग्रेस दिखाई पड़ रही है।जो तेजस्वी को गठबंधन का अगुवा तो मान रही है, लेकिन सीएम चेहरा मानने पर चुप्पी साध ले रही है।
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