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Barkhera Drain Collapse के बहाने पीलीभीत के बरखेड़ा में चेयरमैन भोजवाल ने विकास नहीं, दो करोड़ की मलाई काटने का नया रास्ता बना लिया। जनता के नाम पर नाला बना, लेकिन शुरुआत में ही धड़ाम!
Barkhera Drain Collapse: भ्रष्टाचार की दीवार ढह गई !
वाह रे श्याम बिहारी भोजवाल जी, नगर पंचायत बरखेड़ा के तथाकथित “विकास पुरुष”! 2 करोड़ की लागत से बन रहा नाला आठ दिन में ही धराशायी हो गया, और साथ में ढह गई आपकी साख! रामलाल गंगवार के मकान के पास बनी 50 मीटर की आरसीसी दीवार का 10 मीटर हिस्सा चार दिन में ही मलबे में तब्दील हो गया। यह नाला था या भ्रष्टाचार का स्मारक? Drain collapse की इस करतूत ने भोजवाल जी की कुर्सी हिलाई या नहीं, ये तो पता नहीं लेकिन, ग्रामीण चिल्ला रहे हैं—2 करोड़ का बजट कहां गया? क्या ठेकेदारों ने सीमेंट की जगह रेत और भोजवाल की मेहरबानी से दीवारें खड़ी कीं? पीलीभीत का यह घोटाला अब भोजवाल जी के गले की हड्डी बनेगा, ये तो तय है! 
Barkhera Nala Scam: पांच ठेकेदार, एक कुर्सी — कमीशन की पूरी कहानी
बरखेड़ा में जलभराव की समस्या को हल करने का दम भरने वाले भोजवाल जी ने 1.7 किलोमीटर नाले के लिए 2 करोड़ का बजट पास करवाया, लेकिन नतीजा? Shoddy construction का ऐसा नमूना कि नाला शुरू होने के चार दिन बाद ही ढह गया! पीलीभीत-बीसलपुर हाइवे चौड़ीकरण के बाद जल निकासी की समस्या ने कस्बे को डुबो रखा था। तीन महीने पहले नाले की खोदाई शुरू हुई, लेकिन हाइवे अधिकारियों ने दूरी कम होने का हवाला देकर काम रुकवा दिया। महीनों की खींचतान और भोजवाल की “प्रशासनिक चालबाजी” के बाद काम शुरू हुआ, लेकिन गुणवत्ता? वह तो भोजवाल की जेब में ठेकेदारों के साथ चली गई। ग्रामीणों का आरोप है कि नगर पंचायत अध्यक्ष भोजवाल जी ने पांच ठेकेदारों को ठेका बांटकर कमीशन का खेल खेला, और नाले में सीमेंट की जगह भ्रष्टाचार का मसाला भरा गया।
Barkhera Drain Collapse: बरखेड़ा में विकास सिर्फ पोस्टर पर
2 करोड़ का बजट, पांच ठेकेदार, और भोजवाल की “कृपा” से बरखेड़ा का नाला बनने से पहले ही ढह गया। शासन ने आधी राशि पहले ही जारी कर दी थी, लेकिन भोजवाल की निगरानी में यह पैसा कहां गया? Corruption in construction की बू इतनी तेज है कि ग्रामीण अब सड़कों पर उतर आए हैं। ठेकेदारों ने घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया, और भोजवाल ने आंखें मूंदकर इसे हरी झंडी दे दी। चार दिन में 10 मीटर दीवार का ढहना इस बात का सबूत है कि नाले का निर्माण नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का ढांचा खड़ा किया गया था। भोजवाल ने जेई को जांच के लिए भेजा है, लेकिन ग्रामीण पूछ रहे हैं—क्या भोजवाल खुद को जांचेंगे? यह तो वही बात हुई कि चोर को चौकीदार बना दिया जाए!
Barkhera Drain Collapse: चेयरमैन साहब का ‘जांच-प्रपंच’
बरसात का मौसम आया, और भोजवाल जी के “विकास” की पोल खुल गई। नाले का मकसद था जलभराव से निजात, लेकिन drain collapse ने बरखेड़ा को और डुबो दिया। ढही दीवार ने सड़कों को मलबे से पाट दिया, और बारिश का पानी कस्बे में तालाब बन गया। बच्चों के स्कूल जाने का रास्ता बंद, दुकानें डूबीं, और राहगीर परेशान—यह है भोजवाल जी के विकास का असली चेहरा! ग्रामीणों का कहना है कि अगर भोजवाल जी ने ठेकेदारों पर नकेल कसी होती, तो 2 करोड़ का नाला चार दिन में नहीं ढहता। अब भोजवाल जी की जांच का ड्रामा शुरू है, लेकिन सवाल यह है—क्या यह जांच भ्रष्टाचार की परतें खोलेगी, या फिर भोजवाल जी के लिए एक और सफाई चिट बन जाएगी?
Barkhera Drain Collapse: जनता पूछे — दीवार गिरी या ईमानदारी?
बरखेड़ा का यह drain collapse सिर्फ एक नाले की कहानी नहीं, बल्कि नगर पंचायत अध्यक्ष भोजवाल के भ्रष्ट शासन का आईना है। 2 करोड़ का बजट, पांच ठेकेदार, और आठ दिन में ढहता नाला—यह सब बताता है कि विकास के नाम पर जनता की जेब काटी गई। ग्रामीणों का गुस्सा फूट रहा है, और भोजवाल जी की कुर्सी डगमगा रही है। “हमारा पैसा लूटा गया!”—यह नारा अब बरखेड़ा की गलियों में गूंज रहा है। भोजवाल जी ने जांच का ढोंग रचा है, लेकिन क्या वह अपने ही बनाए भ्रष्टाचार के जाल की जांच करेंगे? यह घटना पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक सबक है—जब तक भोजवाल जी जैसे “विकास पुरुष” सत्ता में हैं, नाले ढहते रहेंगे, और जनता का पैसा पानी में बहता रहेगा।
Chairman Bhojwal का ‘साफ-सुथरा’ जवाब
बरखेड़ा नाला कांड में जब सब तरफ़ उंगलियां उठीं तो चेयरमैन श्याम बिहारी भोजवाल भी सामने आए। भोजवाल साहब ने सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। बोले — “ठेकेदारों को ठेका पूरी विधिवत प्रक्रिया से दिया गया है। मामला मेरे संज्ञान में आया है, जांच कराएंगे। जो भी गड़बड़झाला होगा उस पर कार्रवाई होगी।” अब जनता पूछ रही है कि साहब! दीवार ढह गई, पानी सड़क पर बह गया, सवालों की बाढ़ आ गई — लेकिन जवाब अब भी काग़ज़ों में तैर रहा है!
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