Sansad Naksha Case-जियाउर्रहमान वर्क का आलीशान बंगला
Sansad Naksha Case: बंगला खड़ा, नक्शा नदारद — Court ने फिर दी चपत
Sansad Naksha Case: Court में तारीखों की नौटंकी
संभल का Sansad Naksha Case अब लोगों के लिए ‘नक्शा कॉमेडी शो’ बन चुका है। मोहल्ला दीपासराय में सपा सांसद जियाउर्रहमान वर्क का आलीशान बंगला तो खड़ा हो गया, पर नक्शा अब तक गायब! Court में वकील साहब हाजिर — पर नक्शा? अरे वो तो ‘तारीख पर तारीख’ में ही उलझ गया! SDM Court पूछती रही — नक्शा लाओ! वकील बोले — ‘साहब, नकल नहीं मिली!’ जनता बोले — ‘वाह भाई! नकल भी न मिले? गबज बात है!’
Sansad Naksha Case: जुर्माना बना सांसद का नया गहना

अब इस Sansad Naksha Case में Court ने दूसरी बार जुर्माना ठोका है — हज़ार रुपए का! पहले भी Court ने कान खींची थी, अब फिर खींच दी। बंगला करोड़ों का — जुर्माना हज़ार का! Court भी सोच रही होगी — ‘भई, ये जुर्माना तो सांसद साहब चाय-पानी में ही चुका देंगे।’ लेकिन Court मजबूर है — कानून के मुताबिक जुर्माना वही, चाहे बंगला ताजमहल जितना क्यों न हो! पर मजाल है सांसद जी पर असर हो? नक्शा अब भी लापता!
Sansad Naksha Case: नक्शा का खेल और सरकारी चुप्पी
सबसे बड़ा सवाल — Sansad Naksha Case में जब Court ने दो-दो बार जुर्माना ठोक दिया, तो नगर पालिका और नक्शा विभाग किस खेत की मूली हैं? किसी आम आदमी ने बिना नक्शा छत डाल दी होती — तो JCB लेकर सिपाही लाइन लगाकर गिरा देते! पर यहां सांसद जी का मामला है — सब आंख, कान, मुंह बंद! Court जुर्माना ठोक रहा है — सरकार मौन बैठी है। ‘जनता का मकान गैरकानूनी, नेता का बंगला कानूनी!’ — यही असली ‘जनलोकतंत्र’!
Sansad Naksha Case: जनता में चटखारे, अफसरों में खामोशी
अब मोहल्ला दीपासराय के लोग कह रहे — ‘किस्मत वाले हैं बर्क साहब! मकान खड़ा कर लिया, नक्शा बाद में आएगा। तारीख पर तारीख — और Court से बस जुर्माना!’ कोई अफसर बंगला गिराने नहीं आ रहा, कोई नोटिस नहीं चिपक रहा। इधर आम आदमी ईंट भी लगाता है, तो अफसर नक्शा मांगने आ जाते हैं। Sansad Naksha Case ने साबित कर दिया — नेता के लिए कानून अलग है, जनता के लिए अलग।
Sansad Naksha Case: कब तक चलेगा ‘नक्शा महाराज’ का तमाशा?
इस मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को है। फिर वही स्क्रिप्ट चलेगी — Court पूछेगा नक्शा, वकील कहेंगे — ‘साहब, अभी नकल नहीं मिली!’ फिर Court ठोकेगा जुर्माना। लेकिन बंगला जस का तस खड़ा रहेगा! SDM Court की फाइलें मोटी होती जाएंगी — सांसद साहब की हेकड़ी भी! जनता बस देख रही है — ‘कानून रसूखदारों पर लागू होता भी है या नहीं?’
Sansad Naksha Case: सरकार के मुंह पर सील, जनता का सवाल
अब जनता सीधा सवाल पूछ रही — ‘ये सरकार किसकी है? आम आदमी की या नक्शा घोटाले वालों की?’ Court जुर्माना ठोक रही, कार्रवाई किसकी जिम्मेदारी? नगर पालिका, विकास प्राधिकरण — सब चुप्प! क्यों? क्योंकि मामला Sansad Naksha Case का है, आम आदमी के छप्पर का नहीं!
