Moradabad Bribery Case: बाबू की रिश्वत वाली दुकान बंद
Moradabad Bribery Case: बाबू की जेब में करंट!
मुरादाबाद वालों! अगर आप सोचते हैं कि बिजली सिर्फ तारों में दौड़ती है, तो गलत हैं — Moradabad Bribery Case ने साबित कर दिया कि बिजली विभाग के बाबू की जेब में भी घूस का करंट बराबर दौड़ता है। किसान से बिजली कनेक्शन पास कराने के नाम पर दस हजार रुपये की ‘उगाही’ चालू थी। मगर किसान ने करंट काटने के लिए एंटी करप्शन की टीम को जोड़ लिया और बाबू साहब की जेब से करंट समेत रंगे हाथ कर डाला शॉर्ट सर्किट।
Moradabad Bribery Case: किसान की चालाकी ने खेला खेल
कहानी मुरादाबाद के सिविल लाइंस इलाके की है। यहां चक्कर की मिलक स्थित बिजली विभाग में बाबू ब्रजेश सिंह ने बहारमपुर गांव के किसान प्रशांत कुमार को नलकूप कनेक्शन के लिए दस हजार का ‘कनेक्शन चार्ज’ बता दिया — वो भी अपनी जेब में! किसान ने भी ठान ली कि बिजली के बिल में कटौती हो न हो, घूसखोरी का बिल तो काट कर रहेगा। बस फिर क्या था — सीधे एंटी करप्शन ब्यूरो में पहुंच गए।

डीएम मुरादाबाद को खबर लगी, तो तुरंत ट्रैप टीम बनी। किसान के हाथ में केमिकल लगे नोट थमाए गए और जैसे ही बाबू ने नोट पकड़े — Moradabad Bribery Case की गिनती शुरू हो गई। टीम ने बिजली दफ्तर में घुसकर बाबू को वहीं ‘फ्यूज’ कर दिया।
Moradabad Bribery Case: बाबू की रिश्वत वाली दुकान बंद
घूस का यह खेल कोई पहला नहीं — बिजली विभाग में फाइल आगे बढ़ाने के लिए कौन कितनी पर्ची लेता है, यह किसी से छुपा नहीं। लेकिन इस बार किसान ने वो कर दिखाया जो हर गरीब किसान को करना चाहिए — सिस्टम के खिलाफ आवाज उठाना।

अब बाबू ब्रजेश सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज हो चुका है। पहले किसान के घर बिजली कनेक्शन नहीं था, अब बाबू के घर कनेक्शन टूटना तय है — बस जेल की सलाखों से ‘जुड़ाव’ बाकी है!
Moradabad Bribery Case: अफसरों पर भी सवाल
Moradabad Bribery Case पर अब बड़ा सवाल ये कि इस घूसखोरी के तार कहां-कहां तक जुड़े हैं? क्या सिर्फ बाबू ही खाता था या ऊपर तक भी हिस्सेदारी बंधी थी? एंटी करप्शन टीम की इस कार्रवाई ने बाकी बाबुओं को भी साफ चेतावनी दे दी है — घूस का मीटर अब हर वक्त चालू नहीं रहेगा।
Moradabad Bribery Case: अगला कौन?
Moradabad Bribery Case ने पूरे बिजली विभाग में बिजली दौड़ा दी है — बाबू के फ्यूज उड़ चुके हैं लेकिन बाकी बाबूओं के दिमाग में भी शॉर्ट सर्किट हो चुका है। सवाल बस एक है — अगला कौन? कहीं आपके इलाके में भी बिजली कनेक्शन पास कराने के नाम पर बाबू की जेब गरम हो रही है? तो देर मत करिए — किसान बनिए, डरिए मत, शिकायत कीजिए। वरना बाबू की जेब भरेगी और आपकी जेब खाली होती रहेगी!
