Ballia Tajia Attack– बलिया के रेवती थाना क्षेत्र के खारिका गांव में ताजिया जुलूस से लौटते युवकों पर हमला कर दो को गोली मार दी गई। जबकि दो युवक को बुरी तरह पीटकर घायल कर दिया गया। SP Omveer Singh ने घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें वाराणसी रेफर कर दिया।
Ballia Tajia Attack: गोलियों की गर्जना में डूब गया जुलूस
बलिया का खारिका गांव, रेवती थाना क्षेत्र का एक शांत-सा कोना, अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठा। ताजिया जुलूस से लौट रहे चार नौजवानों पर हमलावरों ने ऐसा कहर बरपाया कि पूरा इलाका सन्न रह गया। दो युवकों को गोली मार दी गई, जबकि एक अन्य को लाठी-डंडों से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। ये घटना कोई साधारण झगड़ा नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हमला था, जिसने मोहर्रम के पवित्र मौके को खून से लाल कर दिया। सुबह तार हटाने को लेकर हुए मामूली विवाद ने रात होते-होते खूनी रंग ले लिया। आखिर कौन थे वो हमलावर, जिन्होंने ताजिया जुलूस को निशाना बनाया? सवालों का जवाब ढूंढने में पुलिस की सांसें फूल रही हैं।
Ballia Tajia Attack:गोलीबारी ने बिखेरी दहशत
सुबह का वो छोटा-सा विवाद, जब ताजिया जुलूस के रास्ते में बिजली का तार आड़े आया, किसे पता था कि ये रात को खूनखराबे में बदल जाएगा? खारिका गांव में ताजिया जुलूस से लौट रहे युवकों पर अचानक हमलावरों ने धावा बोल दिया। गोलियों की आवाज ने रात के सन्नाटे को चीर दिया। दो युवकों के सीने और पेट में गोलियां धंसीं, जबकि एक लाठी-डंडों के प्रहार से लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ा। घायलों का आरोप है कि सूरज नामक शख्स ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। लेकिन सूरज अकेला था या इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र? ये सवाल बलिया की गलियों में गूंज रहा है।
Ballia Tajia Attack: SP Omveer Singh और पुलिस की ‘फ्लैश’ एंट्री
घटना की खबर मिलते ही बलिया के एसपी ओमवीर सिंह अपनी पूरी फोर्स के साथ खारिका गांव की ओर दौड़े।क्या करें! कुर्सी पर बैठे रहेंगे तो कुर्सी खिसक जाएगी — लिहाजा आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंची। तुरंत घायलों को ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने एक गंभीर रूप से घायल युवक को वाराणसी रेफर कर दिया, जबकि बाकी की हालत स्थिर बताई जा रही है। पुलिस ने मौके पर भारी फोर्स तैनात कर दी है, और हमलावरों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है। लेकिन सवाल ये है कि क्या पुलिस उन खूंखार हमलावरों तक पहुंच पाएगी, जिन्होंने ताजिया जुलूस को निशाना बनाया? रेवती थाना क्षेत्र में तनाव का माहौल है, और लोग जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
Ballia Tajia Attack
Ballia Tajia Attack: खून से रंगे खारिकापुर की गलियां
खारिका गांव में ये ताजिया जुलूस हमला कोई अचानक भड़का गुस्सा नहीं लगता। सुबह हुए तार के विवाद ने पहले ही दोनों पक्षों के बीच तल्खी पैदा कर दी थी, और पुलिस के सामने भी ये झगड़ा हुआ था। रात को गोलियां क्यों चलीं? क्या पुरानी रंजिश थी या कुछ और? स्थानीय लोग इसे सांप्रदायिक हिंसा का रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। सवाल ये भी है कि पुलिस की मौजूदगी में ऐसा हमला कैसे हुआ? खारिका के लोग डर के साये में हैं, और हर कोई सच जानना चाहता है।
वाराणसी रेफर, मगर सवाल बरकरार
Ballia Tajia Attack:पुलिस जांच जारी
Ballia Tazia Attack: SP की सख्ती,पुलिस पर गिरी गाज
पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने देर रात खारिकापुर पहुंचकर हालात का जायजा लिया, लेकिन तब तक तो खेल हो चुका था। उनकी सख्ती तब जागी, जब जनता का गुस्सा भड़कने लगा। उपनिरीक्षक जितेंद्र पाण्डेय और आरक्षी आनंद कुमार को ड्यूटी में लापरवाही, उदासीनता, और अनुशासनहीनता के लिए तत्काल निलंबित कर दिया गया। रेवती थानाध्यक्ष administerant Kumar को पर्यवेक्षण में शिथिलता के लिए लाइन हाजिर कर दिया गया। बलिया ताजिया हमले ने पुलिस की कुंभकर्णी नींद तो तोड़ी, लेकिन सवाल ये है कि क्या ये सस्पेंशन सिर्फ जनता को चुप कराने की कवायद हैं, या सचमुच कुछ बदलेगा? क्षेत्राधिकारी सदर को जांच सौंपी गई है, लेकिन क्या वो सच सामने लाएंगे, या फिर फाइलों में दब जाएगा?
Ballia Tajia Attack:यूपी में अपराध का बढ़ता साया, 2024-25 के आंकड़े डराते हैं
उत्तर प्रदेश में अपराध का ग्राफ लगातार उछाल मार रहा है, और खारिका में ताजिया जुलूस हमला इसका ताजा उदाहरण है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध दर 7.4 रही, जो देश में सबसे अधिक है। कुल 7,53,675 अपराध दर्ज हुए, जो राष्ट्रीय स्तर पर 11.28% है। बलात्कार के मामलों में 1.1% की वृद्धि हुई, जबकि अपहरण के मामलों में 5.1% का उछाल देखा गया। 2024 में यूपी में हत्या के 3,491 मामले दर्ज हुए, जो 2022 के बराबर हैं, लेकिन प्रति दिन औसतन 10 हत्याएं और 11 बलात्कार के मामले सामने आए। साइबर अपराध भी बढ़े, 2024 में 8,829 मामले दर्ज हुए, जो 2021 के बराबर हैं। खारिका की घटना, जहां ताजिया जुलूस पर हमला हुआ, यह दर्शाती है कि सामाजिक सौहार्द को तोड़ने की कोशिशें भी अपराध का हिस्सा बन रही हैं। क्या पुलिस इन आंकड़ों को थाम पाएगी, या यूपी में अपराध का साया और गहराएगा? यह सवाल हर नागरिक के मन में है।