MOUNT EVEREST से नन्हे जांबाजों का कारनामा
Haryana: उत्तर भारत के कुछ राज्यों में DRUGS इन दिनों सबसे बड़ी समस्या बन चुका है जिससे निपटने में राज्य सरकारें भी नाकाम हो चुकी हैं. इन राज्यों में HARYANA & PUNJAB सबसे आगे हैं. जहां आज नशा एक विकराल रूप धारण करके युवाओं को अपनी चपेट में लेता जा रहा है. ऐसे में नशे के खिलाफ लड़ाई में PANCHKULA के रहने वाले दो-भाई बहन आगे आए हैं जो छोटी सी उम्र में MOUNT EVEREST की यात्रा करके नशे के खिलाफ बड़ा संदेश देंगे. इनमें एक है 8 साल का नन्हा आर्यन और उसका साथ देगी उसकी बड़ी बहन अनाया जो खुद महज़ 9.5 साल की हैं. ये दोनों बच्चे नशे के खिलाफ संदेश लेकर MOUNT EVEREST BASE CAMP की चढ़ाई के लिए तैयार हैं. इनकी यात्रा 30 APRIL दिल्ली से शुरू होकर NEPAL पहुंचेगी और फिर नेपाल से माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप की खतरनाक यात्रा शुरू होगी HARYANA में जहां नशे की बढ़ती समस्या चिंता का सबब बनी हुई है ऐसे में इन छोटे-छोटे बच्चों ने एक अनूठी मिसाल पेश करते हुए ये दिखाया है कि बड़े जज्बे और बुलंद हौंसले उम्र के मोहताज नहीं होते. आप ये जान कर हैरान होंगे कि इन बच्चों के इस बड़े कदम के पीछे HARYANA POLICE विभाग की DSP (Law & Order) ममता सौदा का अहम योगदान है. जिनका बेटा आर्यन और भतीजी अनाया इस HILARIOUS TRIP के लिए तैयार हैं
दोनों बच्चों ने बताया कि उन्होंने मुश्किल हालात और मौसम में होने वाले बदलावों से निपटने के लिए पहले से खास तैयारी की है. ये बच्चे DELHI से फ्लाइट के जरिए NEPAL जाएंगे और फिर MOUNT EVEREST की चढ़ाई शुरू करेंगे. अगर WEATHER ठीक और हालात सामान्य रहे तो बेस कैंप तक पहुंचने में करीब 15 DAYS लग सकते हैं. लेकिन अगर कहीं मौसम खराब होता है तो समय थोड़ा बढ़ भी सकता है
आपको बता दें कि नन्हा आर्यन इससे पहले भी कई ऊंची चोटियों पर अपना परचम लहरा चुका है. इसमें HARYANA की PRO-PIC PEAK, शिवालिक रेंज की CHURDHAR PEAK शामिल है. इसके अलावा अनाया न सिर्फ एक होनहार छात्रा है बल्कि GYMNASTIC में पहले कई बार बेहतरीन प्रदर्शन कर चुकी हैं. आर्यन और अनाया का कहना है कि उन्हें किसी भी चुनौती से डर नहीं लगता. उनका मकसद सिर्फ एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंचना ही नहीं है बल्कि आज के युवाओं को DRUGS से दूर रहने और बड़े सपने देखने के लिए MOTIVATE करना भी है. वाकई… दोनों नन्हे जांबाजों की ये पहल सिर्फ हरियाणा के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरी है. ऐसे नन्हे वीरों को ख़बरीलाल का सलाम
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