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2025-bharat-pak-yudh: मिया शहबाज भारत से टकराने की जुर्रत कर रहे थे। अपनी आवाम और दुनिया को ये दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि, कंगाल पाकिस्तान के पास बहुत पैसे हैं, और वो भारत से जंग के लिए तैयार है। इस जंग से भारत का तो कुछ नहीं बिगड़ा, लेकिन बेचारे पाकिस्तान को इस जोश ने कंगला बना दिया। भारत से जंग लड़ने के चक्कर में पाकिस्तान को 23 अरब डॉलर का तगड़ा फटका लगा है। पाकिस्तान के लिये ये किसी भयानक त्रासदी से कम नहीं है। इतने बड़े महाविनाशकारी नुकसान से पाकिस्तान की पूरी आर्थिक जमीन ही हिल गई है।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिये पाकिस्तान को चेतावनी दी। उसे बताया कि, आतंकियों को पाकिस्तान में पनाह देना बंद कर दे। वरना भारत उसके घर में घुसकर आतंकियों को तबाह कर देगा। इस इशारे को समझने के बजाए पाकिस्तान भारत के खिलाफ ड्रोन और मिसाइल हमले करने लगा। लेकिन भारत के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के सारे हमलों को नाकाम कर दिया।
भारत से जंग में हो गए कंगाल!
2025-bharat-pak-yudh इस युद्ध ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी। ताजा आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान को इस सैन्य संघर्ष से लगभग 1.91 लाख करोड़ यानि 23 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। जो उसके सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का एक बड़ा हिस्सा है।पाकिस्तान को लगे इस आर्थिक भूकंप के झटके से एक बात तो साफ है कि, भारत से युद्ध उसके लिए हर तरफ से महाविनाशकारी साबित हुआ। और हैरानी की बात तो ये है कि, जिस तीन दिन की जंग ने पाकिस्तान को कंगाल बना दिया। उसी जंग को अपनी जीत बताते हुए पाकिस्तान खुशियां मना रहा है।
मुनीर को इस कंगाली का दिया गया तोहफा

जनरल मुनीर को इसी जंग की रणनीति के लिए प्रमोशन देकर फील्ड मार्शल बना दिया गया। मतलब की जिस मुनीर ने कटोरे लेकर घूमने वाले पाकिस्तान को और कंगाल बना दिया। उसे ही सरकार ने फील्ड मार्शल बना दिया। ऐसा तो केवल पाकिस्तान की शहबाज सरकार ही कर सकती है। यहां सोचिये कि,अगर भारत, पाकिस्तान के गिड़गिड़ाने के बाद भी सीजफायर के लिए तैयार नहीं हुआ होता, और जंग सात या दस दिन चल जाती, तो फिर क्या होता।तब तो पाकिस्तान की हालत गली के उस कुत्ते की तरह हो जाती, जो न घर का होता है न घाट का।
🔥 भारत से युद्ध पाकिस्तान की आर्थिक तबाही
ये बात पाकिस्तान भी भली- भांति जानता था कि, भारत से लड़ने की उसकी कूबत नहीं है, और ऐसा करने पर उसकी आर्थिक हालत और पतली हो जाएगी। बावजूद इसके शेखी बघारने के लिए और अपनी आवाम को दिखाने के लिए उसने भारत से जंग कर अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली। संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने हथियारों, गोला-बारूद, सैनिकों की तैनाती, विमानों और ड्रोन हमले पर भारी खर्च किया। रक्षा विश्लेषकों के मुताबिक, पाकिस्तान का सीधा सैन्य खर्च $1.17 से $1.9 अरब डॉलर के बीच आंका गया है।

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2025-bharat-pak-yudh के कारण पाकिस्तान की कई देशों से व्यापारिक गतिविधियां ठप रहीं। जिससे उसे 16 से 20 अरब डॉलर का व्यापारिक नुकसान हुआ। यही नहीं अंतरराष्ट्रीय निवेश में भारी गिरावट हुई। कराची,लाहौर और पेशावर जैसे व्यावसायिक शहरों में बंदरगाह, रेलवे और हवाई सेवा पर खासा असर पड़ा। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को रसातल में ले जाने की रही सही कसर उसके FATF के ग्रे लिस्ट में दोबारा डाले जाने की आशंका और राजनीतिक अस्थिरता ने पूरी कर दी। इसका नतीजा ये हुए कि, रुपया (PKR) भी पूरी तरह ध्वस्त हो गया।यहां सवाल उठता है कि, इस आर्थिक भूंकप से पाकिस्तान पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
📉 पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव होगा?
भारत से जंग में बर्बाद हुए पाकिस्तान पर इस जंग का खासा असर पड़ेगा। पहला प्रभाव तो ये पड़ेगा कि, पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से कमी आएगी।उद्योग ठप होने के कारण हजारों लोगों की नौकरियां चली जाएँगी। जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी।भारत से जंग के बाद पाकिस्तान के FDI (Foreign Direct Investment) में लगभग 60% तक गिरावट दर्ज की गई है। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अब पाकिस्तान की IMF और चीन पर निर्भरता बढ़ गई है। जिससे पाकिस्तान की वित्तीय स्वतंत्रता पर खासा असर पड़ा है।

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पाकिस्तान ने भारत से केवल बमों और गोलियों की ही लड़ाई नहीं की। बल्कि दोनों मुल्कों के बीच का ये युद्ध आर्थिक मोर्चा पर भी निर्णायक साबित हुआ। खासकर पाकिस्तान के लिए। क्योंकि इस जंग से पाकिस्तान आर्थिक रूप से और कमजोर हो गया। जबकि भारत ने अपनी स्थिति को और अधिक मजबूत किया है।